फाइनांशियल सिक्योरिटी- हमारी जरूरत है, लेकिन क्या सिर्फ यही जिंदगी है। काफी दुख की बात है, लेकिन रियालिटी यही है कि आज हम, पैसा कमाने के लिए अपने जीवन की सबसे ज्यादा जरूरी चीजों को भी इग्नोर करते हैं। और यह साइकल हमेशा चलता रहता है, जब तक जिंदगी, खत्म होने के पड़ाव के पास नहीं पहुंच जाती। बच्चों का फ्यूचर सैक्योर करना है, अपनी और परिवार की हर जरूरत को पूरा करना है, शायद ऐसा आप भी सोचते होंगे। और इसी उम्मीद के साथ हम, हर सुबह घर से निकल जाते हैं। कई बार आप यह भी सोचते होंगे कि अब कुछ साल कमा लेता हूं, फिर आराम करेंगे, घूमेंगे-फिरेंगे और मौज से बाकी की पूरी जिंदगी जीएंगे। लेकिन क्या आने वाले चंद पलों में क्या होगा, हमें पता है। आने वाले कुछ साल बाद, जब आप अपनी जिंदगी में पीछे मुड़कर देखेंगे, तब आपको पता चलेगा कि आपकी लाइफ, आपके इतने करीब से आकर निकल गई और इस झरोखे में आपको, अपना एक झुर्रीदार चेहरा और भूरे-सफेद बालों वाला कोई शख्स दिखेगा। दिन, महीने, साल और उम्र कितनी तेजी से बीत गई, यह उस वक्त रियलाइज होगा।
पैसा कमाने में परिवार और हमारा बचपन, हमें बहुत influence करता है। अगर पिछली पीढि़यों से ज्यादा पैसा भी मिला हो, तब भी हम पैसा कमाने के उसी साइकल में चलते हैं, जिसमें हमारे पूर्वज चले। और अगर ऐसा नहीं है, या फिर पिछली पीढि़यों ने गरीबी देखी हो, तब भी हम अपना और आने वाली पीढि़यों का फ्यूचर सेक्योर करने के लिए जी जान लगा देते हैं। आज किसी बच्चे को पूछा जाए कि वो पढ़ाई क्यों कर रहा है, तो वो कहेगा कि पैसा कमाने के लिए, ताकि एक अच्छी जिंदगी जी सके। पेरेंट्स भी, दूसरे बच्चों का उदाहरण देते हैं, कि तुम्हारे cousin को लाखों-करोड़ों के पैकेज पर नौकरी मिली है, तुम भी अच्छे से पढ़ाई करो। लेकिन क्या वो उस बच्चे को यह बताते हैं कि जो है, उसमें संतोष कैसे किया जा सकता है? या खुद इस बात को कितना समझते हैं। कहीं ऐसा तो नहीं कि हम अपने फ्यूचर को सिक्योर करने के लिए अपने प्रेजेंट को खराब कर रहे हैं।
अक्सर लोग कहते हैं कि बचपन बहुत अच्छा था, लेकिन जवानी या बुढ़ापा नहीं, आखिर ऐसा क्यों। जब बचपन था, तब भी दिन में 24 घंटे थे, महीने में दिन भी 30 या 31 थे और साल में 12 महीने या 365 दिन थे। और आज भी ठीक यही है। एक वक्त आता है, जब आपके पास एक अच्छी डिग्री, फिर जॉब और एक वेल सेटल्ड लाइफ होती है, लेकिन उस वक्त, अपनों का साथ है या नहीं, यह मायने रखता है। हर छोटे-बड़े लम्हे में खुशियां हैं, हनीमून के लिए विदेश ना सही, कोई लोकल ट्रिप प्लान करके अपने पार्टनर के साथ हसीन लम्हों को जी सकते हैं, किसी 5 स्टार होटल में न सही, किसी ढाबे या छोटे रेस्टोरेंट में भी खाना खा कर एन्जॉय और अपने परिवार के साथ मौज-मस्ती कर सकते हैं। हम अक्सर पैसे की कमी की वजह से चीजों को टालते हैं, कि अपने किसी करीबी को कार, ज्वेलरी जैसा कोई बड़ा गिफ्ट देंगे। बड़े सपने देखना अच्छा है और जरूरी भी, लेकिन आपके अपनों के लिए आप मायने रखते हैं, उन्हें आपका दिया कोई छोटा उपहार भी बहुत पसंद आएगा। वहीं अगर आप अपनी नौकरी और अपने काम से प्यार है, तो करियर यह पड़ाव आप पर कभी बोझ नहीं बनेगा। जिंदगी जीने के लिए पैसा जरूरी है- चाहे पढ़ाई की बात हो, या अच्छा लाइफ स्टाइल। फाइनांशियल सिक्योरिटी के बिना हम जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकते। फिर भी अगर पैसा आपको खुश नहीं रख पा रहा है, तो इसका मतलब यह है कि आप शायद इसे सही तरीके से खर्च नहीं कर रहे हैं और जिंदगी का सही मतलब भूल गए हैं। अगर पैसा कमाने के चक्कर में आपकी जिंदगी बिना खुशनुमा यादों के कट जाएगी, तो जिंदगी के अंतिम पड़ाव पर, वो पछतावा बिलकुल भी अच्छा नहीं। पैसा कमाना एक जरूरत है, जिम्मेदारी है और जिंदगी का एक अहम हिस्सा है, लेकिन आपकी पूरी जिंदगी नहीं।